📅 ताज़ा खबर (4-July-2025) | मुंबई / नई दिल्ली:
भारत के प्रमुख इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर निर्माता — बजाज ऑटो, एथर एनर्जी, और टीवीएस मोटर कंपनी — इस महीने अपने उत्पादन में कटौती करने जा रहे हैं। इसकी वजह है चीन से भारी मात्रा में आने वाले रेयर अर्थ मैग्नेट्स (HRE) की आपूर्ति में पिछले चार महीनों से चल रही बाधा।
रेयर अर्थ मैग्नेट्स इलेक्ट्रिक वाहनों की मोटर में अहम भूमिका निभाते हैं। इनकी कमी से अब ईवी सेक्टर की तेजी से बढ़ती गति को झटका लग सकता है।
📉 उत्पादन में गिरावट:
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बजाज ऑटो, देश का दूसरा सबसे बड़ा इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर निर्माता, अपना उत्पादन आधा करने जा रहा है।
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एथर एनर्जी अपनी उत्पादन दर में 8-10% की कटौती करने की योजना बना रही है।
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टीवीएस मोटर भी उत्पादन में कटौती करेगी और बताया कि यह संकट उनकी स्थानीयकरण योजना और PLI स्कीम को भी प्रभावित कर सकता है, जिससे लागत बढ़ेगी।
💬 टीवीएस मोटर के प्रवक्ता ने कहा:
"ईवी सप्लाई चेन में मैग्नेट की उपलब्धता को लेकर चुनौतियाँ आने वाले समय में भी बनी रह सकती हैं। हम इस संकट से निपटने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं।"
✅ ओला इलेक्ट्रिक की तैयारी:
पूर्व मार्केट लीडर ओला इलेक्ट्रिक इस संकट से अप्रभावित है। उन्होंने पहले से ही मैग्नेट्स का स्टॉक इकट्ठा कर लिया था और वैकल्पिक आपूर्ति योजनाएँ भी बना रखी हैं।
ओला के प्रवक्ता ने कहा: "रेयर अर्थ मैग्नेट्स की वजह से हमारे उत्पादन पर कोई असर नहीं पड़ा है।"
📊 इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर की बिक्री:
Q1 FY26 में भारत में इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर की बिक्री 34% बढ़कर 2.98 लाख यूनिट्स पर पहुँच गई, जो इस क्षेत्र की तेज़ ग्रोथ को दर्शाता है। हालांकि यह आपूर्ति संकट अगर लंबा चला, तो यह रफ्तार धीमी हो सकती है।
🇮🇳 ये चारों कंपनियाँ देश में बिकने वाले हर 10 इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स में से 8 की हिस्सेदारी रखती हैं। ऐसे में यह संकट पूरी इंडस्ट्री के लिए गंभीर संकेत है।
भारत की बड़ी ईवी कंपनियों — जैसे बजाज ऑटो, एथर एनर्जी, और टीवीएस मोटर — को चीन से रेयर अर्थ मैगनेट्स (HRE) की आपूर्ति में रुकावट के चलते उत्पादन घटाना पड़ रहा है।
लेकिन Ola Electric इस संकट से अब तक अप्रभावित रही है, क्योंकि उसने पहले ही बड़े स्तर पर मैगनेट्स का स्टॉक कर रखा है और वैकल्पिक आपूर्ति की योजना भी तैयार की हुई है।
📉 लेकिन बाजार ने इस खबर पर अलग रुख दिखाया — Ola के शेयर पहले से ही दबाव में थे, और निवेशकों को चिंता है कि अगर संकट लंबा चला तो Ola भी प्रभावित हो सकती है।
📊 Ola Electric के शेयर पर इसका क्या असर पड़ा?
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Ola Electric के शेयर हाल ही में ₹42 के आसपास ट्रेड कर रहे हैं, जो इसके 52-सप्ताह के निचले स्तर के करीब है।
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कंपनी का प्रदर्शन हाल के तिमाही परिणामों में कमजोर रहा है, जिससे निवेशकों का भरोसा थोड़ा हिला है।
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लेकिन, चूंकि Ola ने पहले से ही मैगनेट्स का स्टॉकपाइल कर रखा है, यह उसके लिए एक प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त (competitive advantage) बन सकती है।
🚀 क्या हो सकता है अगला कदम? संभावित upside क्या है?
🔼 अगर Ola निम्नलिखित चीज़ें कर पाई तो उसके शेयर में जबरदस्त उछाल आ सकता है:
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✅ उत्पादन को सुचारू रूप से जारी रखना: अगर Ola इस कमी के दौर में भी उत्पादन जारी रखती है, तो इसका मार्केट शेयर बढ़ सकता है।
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✅ बाजार में विश्वास लौटाना: बेहतर तिमाही नतीजे और लागत नियंत्रण से निवेशकों का भरोसा वापस आ सकता है।
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✅ सरकारी सब्सिडी और नियमों से स्पष्टता: FAME स्कीम और रिपोर्टिंग पर कोई विवाद नहीं हुआ तो यह और पॉजिटिव संकेत होगा।
📈 संभावित टारगेट स्तर (Upside Targets):
अवधि | संभावित लक्ष्य मूल्य |
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अल्पकालिक (1–2 महीने) | ₹50–₹55 |
मध्यमकालिक (6–12 महीने) | ₹60–₹85 |
दीर्घकालिक (2026–2028) | ₹200+ (यदि कंपनी मुनाफे में जाती है) |
🔋 रेयर अर्थ मैगनेट की वैश्विक कमी ने जहां अधिकतर ईवी कंपनियों को झटका दिया है, वहीं Ola Electric इस चुनौती को अवसर में बदल सकती है।
यदि कंपनी इस स्थिति को सही ढंग से संभालती है, तो यह उसके शेयरहोल्डर्स के लिए लॉन्ग टर्म में जबरदस्त रिटर्न देने वाला स्टॉक बन सकता है।
📢 लेकिन निवेश करते समय सतर्कता ज़रूरी है, क्योंकि कंपनी अभी भी घाटे में है और भावनात्मक ट्रेडिंग से बचना चाहिए।